कुलाधिपतेः सन्देशः

(डॉ. हरिगोतम)

यह मेरे लिए अत्यंत हर्ष एवं कृतज्ञता की बात है कि श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्विद्यालय शास्त्रीय परम्परा के संरक्षण एवं उसकी व्याख्या के अपने लक्ष्य एवं उद्धेशो को पूरा करने में उद्धिष्ट है।
मुझे यह बताते हुए प्रसन्ता हो रही है कि विश्वविद्यालय सफलतापूर्वक अपने समर्पित संकाय-सदस्यो, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के माध्यमसे संस्कृत के छेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है।
विश्वविद्यालय कुल के सदस्यों का निरंतर प्रयास विभिन्न अनुसंधान कार्यक्रमों एवं परियोजनाओं के माध्यम से ज्ञान की उन्नति एवं उसके प्रसार के उद्देश्य की प्राप्ति में सहायक होता है। मुझे आशा एवं विश्वास है कि विश्वविद्यालय आचार्य मुरलीमनोहर पाठक, कुलपति के नेतृत्व में हमारी परम्परा को बनाए रखते हुए शास्त्रीय परंपरा में अपने योगदान द्वारा कुशल एवं पेशेवर लोगो को तैयार करने के साथ समुदाय के हित में कार्य करेगा।

 (डॉ. हरिगोतम)
 कुलाधिपति