आरडीसी के बारे में
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में परिकल्पित सुदृढ़ अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत और बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ (आरडीसी) की स्थापना की गई है। आरडीसी संस्थानों के भीतर अनुसंधान उत्पादकता बढ़ाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और बहुविषयक एवं व्यावहारिक अनुसंधान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका उद्देश्य एक ऐसा अनुकूल वातावरण बनाना है जो उच्च गुणवत्ता वाले, प्रभावशाली और सतत अनुसंधान परिणामों का समर्थन करे।
- यह संस्थान में एनईपी-2020 के अनुसार अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करता है।
- यह विभिन्न विभागों में उच्च गुणवत्ता वाले, प्रभावशाली और बहुविषयक अनुसंधान को बढ़ावा देता है।
- मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और क्षमता-निर्माण पहलों के माध्यम से संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं को सहायता प्रदान करता है।
- संस्थागत अनुसंधान नीतियों को विकसित करता है और अनुसंधान विकास के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करता है।
- यह उद्योगों, अनुसंधान संगठनों और वित्तपोषण एजेंसियों के साथ सहयोग को सुगम बनाता है।
- यह नैतिक और गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान पद्धतियों को सुनिश्चित करता है और बौद्धिक संपदा अधिकार एवं नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देता है।
- यह अनुसंधान शासन, निगरानी और प्रशासन के लिए एक केंद्रीय समन्वय निकाय के रूप में कार्य करता है।
अनुसंधान एवं विकास केंद्र से संपर्क करें
कमरा नंबर 02, शैक्षणिक भवन,
एसएलबीएस राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली।
संपर्क नंबर: 011-46060820